इक हसीं मंज़र दिखाया जाएगा
इश्क़ में हमको रुलाया जाएगा
डर गए है हम किसी के आने से
अब न रो कर मुस्कुराया जाएगा
छिन गए जब सुर के सरगम ही सभी
गीत कैसे गुनगुनाया जाएगा
माननी होंगी अगर शर्तें सभी
फिर न ऐसे दिल लगाया जाएगा
हम गले लग कर के रोए थे उन्हें
ख़्वाब ऐसा फिर दिखाया जाएगा
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