ऐसा नहीं कि शहर में प्यारा नहीं मिला
उस जैसा कोई हम को दोबारा नहीं मिला
हम ने तो हर किसी को सहारा दिया मगर
हम को कभी किसी से सहारा नहीं मिला
उस को तमाम उम्र नज़र ढूॅंढ़ती रही
बिछड़ा वो इस तरह कि दोबारा नहीं मिला
उन कश्तियों से पूछ किनारे की अहमियत
जिन कश्तियों को सैफ़ किनारा नहीं मिला
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