0

तू पैरोकार लैला की है शिरीन की पुजारन है - Abrar Kashif

तू पैरोकार लैला की है शिरीन की पुजारन है
मगर तू जिसपे बैठी है वो सोने का सिंहासन है

तेरी पलकों के मस्कारे, तेरे होठों की ये लाली
ये तेरे रेश्मी कपड़े ये तेरे कान की बाली

गले का ये चमकता हार, हाथों के तेरे कंगन
ये सब के सब है मेरे दिल मेरे एहसास के दुश्मन

- Abrar Kashif

Diwangi Shayari

Our suggestion based on your choice

More by Abrar Kashif

As you were reading Shayari by Abrar Kashif

Similar Writers

our suggestion based on Abrar Kashif

Similar Moods

As you were reading Diwangi Shayari