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किसी का चेहरा किसी पर सजा नहीं देता  - Akhtar lakhnvi

किसी का चेहरा किसी पर सजा नहीं देता
कभी फ़रेब कोई आइना नहीं देता

हसद का रंग पसंदीदा रंग है सब का
यहाँ किसी को कोई अब दुआ नहीं देता

इक ए'तिमाद था बाक़ी सो उठ गया वो भी
कि भाई भाई के घर का पता नहीं देता

बुझाए जब से हमारे चराग़ लोगों ने
कोई दरख़्त हमें अब हवा नहीं देता

हमें ख़ुदा पे भरोसा है ना-ख़ुदा पे नहीं
ख़ुदा जो देता है वो ना-ख़ुदा नहीं देता

- Akhtar lakhnvi

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