हमीं से मुहब्बत हमीं से अदावत कबीरा - AMIT KAMRA

हमीं से मुहब्बत हमीं से अदावत कबीरा
बचे जा रहे हो मिरी है शराफ़त कबीरा

दिया सब बुझेगा हवा भी रुकेगी उसी दिन
किसी दिन किए गर ख़ुदा से ख़िलाफ़त कबीरा

सज़ा पा रहा है वफ़ा का सिपाही दग़ा में
यही पर उसे थी नबी से शिकायत कबीरा

जिसे तुम असीरी किए हो वही कुछ कहा है
सुना है वही कर रहा अब बग़ावत कबीरा

दवा की दुआ की करामत नहीं जब चली तो
तभी कामरा की हुई है ज़रूरत कबीरा

- AMIT KAMRA
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