हुस्न-ओ-जमाल आपकी आँखों का है सनम
ये माह-ओ-साल आपकी आँखों का है सनम
इसमें नहीं है शक कोई हो आप बे-गुनाह
लेकिन सवाल आपकी आँखों का है सनम
दुनिया में कुन से ले के क़यामत तलक जो है
सारा बवाल आपकी आँखों का है सनम
है जिस्म के भी रास्ते यूँ तो खुले हुए
हमको ख़याल आपकी आँखों का है सनम
ऐसे ही तो न फेंक दी सिगरेट जली हुई
कुछ तो कमाल आपकी आँखों का है सनम
जितने परिंदे ताक पे आज़ाद बैठे हैं
ये भी निहाल आपकी आँखों का है सनम
पा ली है हमनें सारे जहाँ की मुहब्बतें
हमको मलाल आपकी आँखों का है सनम
ढलने लगे सितारे भी पलकों से साथ साथ
देखें ज़वाल आपकी आँखों का है सनम
सय्यद नज़र झुका के जो ख़ामोश पी गए
आब-ए-ज़ुलाल आपकी आँखों का है सनम
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