बिगड़े हम ही नही है, बिगड़े तुम भी थोड़े बहुत - Kanor

बिगड़े हम ही नही है, बिगड़े तुम भी थोड़े बहुत
आग बेशक इधर है, जले तुम भी हो थोड़े बहुत

हमने भी छुपा रक्खा था , अपनी  जां  को  जां  से
टूटे  नही  है  पूरे  अभी , हम  भी  बेईमां  है  थोड़े  बहुत

तुमने  देखा  ही  कितना  है ,  मेरी  रूह  के तिलिस्म  को
हुए  दिखे  छुपे  मिटे ,  ग़म  ऐसे  भी  है  थोड़े  बहुत

हमसे  सौदा  चाहते  हो ,  वापसी  की  थोड़ी  मोहलत  देना
हम  गरीब  घर  से  है ,  हम  पर  उधार  है  थोड़े  बहुत

अब  क्या  ही  तुम  उसका ,  कुछ  कर  पाओगे  कनोर
वो  तुम  में  भी  है  पूरा ,  तुम  खुद  में  भी  हो  थोड़े  बहुत

- Kanor
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