दिलों की बातें दिलों के अंदर ज़रा सी ज़िद से दबी हुई हैं
वो सुनना चाहें, ज़ुबां से सब कुछ मैं करना चाहूं नज़र से बतियां
ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है
सुलगती सांसें, तरसती आंखें, मचलती रूहें, धड़कती छतियां
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