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Political Shayari
उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे
Jigar Moradabadi
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मुल्क तो मुल्क घरों पर भी है क़ब्ज़ा उस का
अब तो घर भी नहीं चलते हैं सियासत के बग़ैर
Zia Zameer
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भले ही प्यार हो या हिज्र हो या फिर सियासत हो
कुछ ऐसे दोस्त थे हर बात पर अशआर कहते थे
Siddharth Saaz
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कितना दुश्वार है जज़्बों की तिजारत करना
एक ही शख़्स से दो बार मोहब्बत करना
जिस को तुम चाहो कोई और न चाहे उस को
इस को कहते हैं मोहब्बत में सियासत करना
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Liaqat Jafri
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इन से उम्मीद न रख हैं ये सियासत वाले
ये किसी से भी मोहब्बत नहीं करने वाले
Nadim Nadeem
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सियासत में न उलझो तुम अभी ठहरो
अमन फ़ैला रहे सरकार रहने दो
Tiwari Jitendra
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उम्मीदवार ख़ुद को बेहतर बता रहें सब
किसको मिले सियासत ये कौन जानता है
Ravi 'VEER'
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कभी मुफ़लिस की बस्ती से गुज़र कर देख इक बारी
सियासत में यहाँ अब कौन कहता छल नहीं होगा
Sandeep dabral 'sendy'
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दरमियाँ नफ़रत के घुट घुट कर मुहब्बत मर रही है
खून होता है हया का और शराफ़त मर रही है
ये सियासत है कि दंगों से इन्हें कुर्सी मिली है
इस सियासी खेल में यारों ख़जालत मर रही है
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Chandan Sharma
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दो मुल्कों के सियासी खेल में जाने
यहाँ पर कितनों के घर उजड़े हैं मौला
वही हर सुब्ह मंज़र देखना पड़ता
हज़ारों लोग यूँ ही मरते हैं मौला
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Harsh saxena
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सियासत हो रही है धर्म पर ही
नहीं तो धर्म का ये रूप है क्या
Umesh Maurya
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सब राज करना चाहते जिस क़ल्ब पर
उस पर सियासत तो हमारी ही रही
Hemant Sakunde
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एकलव्यों के अँगूठे, काटने का
वो सियासी खेल अब भी चल रहा है
Umesh Maurya
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तेज़ कितनी भी सियासत हो मगर दम तोड़ती है
गुफ़्तगू कोई सियासी बारहा मुँह मोड़ती है
Manohar Shimpi
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हमारे मुल्क की ये दास्ताँ है
सियासत अब लहू पीने लगी है
Piyush Nishchal
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क़ज़्ज़ाक़ थी वो दो निगाहें तो उन्हें तो
सरकार को ही बैन रखना चाहिए था
Manoj Devdutt
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बड़ा होकर जो छोटे लोगों की ताज़ीम करता है
ज़माना ऐसे ही इंसान को तसलीम करता है
चलो छोड़ो सियासत के पुराने ताने बाने को
यही वो फ़लसफ़ा है जो हमे तक़्सीम करता है
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Abdulla asif Asif
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ख़ुद से नहीं झुकती है अगर ख़ुद से झुका दो
नाकाम ये सरकार, ये सरकार गिरा दो
Mohit Subran
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सरकार कहने लग गया वो सीधे नाम से
जो हम-क़लाम कम था मेरे पहले नाम से
मुझसे बिछड़ के अपना कोई नाम रख लियो
सब लोग जानते हैं तुझे मेरे नाम से
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Rishabh Sharma
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वफ़ा से सबका दिल अब उठ रहा है
वफ़ा मानो सियासत हो गई है
Mohd Arham
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