करेंगे काम कुछ रौनक ज़रा पैसा कमाएँगे
कमा कर फिर कहीं पे यार हम पढ़ने को जाएँगे
पढ़ेंगे ख़ूब फिर मेहनत में हम भी डूब जाएँगे
उठेंगे धीरे-धीरे नाम फिर अपना बनाएँगे
नहीं कहते किसी से भी अभी तकलीफ़ हम अपनी
हमें मालूम है सुनकर सभी ठट्ठा उड़ाएँगे
ज़माना देख लेगा कौन हैं हम वक़्त आने पर
अभी ख़ुद को जलाएँगे अभी ख़ुद को तपाएँगे
हमारे साथ में है कौन ये मालूम है हमको
ज़रूरी है कभी उनका दिया सब कुछ चुकाएँगे
अभी तो जा रहे हैं डूब करके मात खाने को
मगर इक रोज़ रौनक बनके हम भी लौट आएँगे
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