ख़ुशी है घर में तो रंगीन बाहर की फ़ज़ा भी है - Raunak Karn

ख़ुशी है घर में तो रंगीन बाहर की फ़ज़ा भी है
दिवाली में जलेंगे दीप ये वादा-वफ़ा भी है

जलाना दीप है हमको मिठाई भी तो लाना है
टहल करके हमें यारों पटाखा फोड़ना भी है

किसी के घर बनेंगे यार अब पकवान कितने ही
यही अब देखना है दोस्त कोई देखता भी है

- Raunak Karn
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