अकेले हम नहीं है, साथ में तूफ़ान है आख़िर अब
यही जो लोग है फिर साथ में शैतान है आख़िर अब
हमें अब वक़्त ही तो है नहीं, जो याद से आए हम
भले उसके लिए हम यार, इक अंजान है आख़िर अब
उसे बस देखते ही यार हम तो मर गए यूँ ही तब
अरे! चल हम नहीं अच्छे ज़िया हैवान है आख़िर अब
मिलेंगे हाँ मिलेंगे फिर कभी हम भी वही पे यारा
जहाँ से तू रही मिलकर यही फ़रमान हैं आख़िर अब
नहीं है इन दिलों में अब जगह तो बैठने की यारा
मगर बाहर भले छोटी मगर दालान है आख़िर अब
हमारी ज़िंदगी में वो न हो, चल ठीक है 'रौनक' हाँ
हमारे शक्ल पे तो यार ये मुस्कान है आख़िर अब
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