है बुरा हाल हर दिवाने का
और फिर डर भी है ज़माने का
है हमें इंतिज़ार आने का
फिर तुझे सीने से लगाने का
झूट तो हम कभी नहीं कहते
वक़्त है तुझको सच बताने का
हौले हौले हमें न मारो तुम
ज़हर सीधा हमें पिलाने का
क्यों हमें दे रहे हो तुम ताना
क्या तरीक़ा है ये रुलाने का
जान दे सकते हैं तेरी ख़ातिर
जान हमको न आज़माने का
झूट था प्यार झूट था वादा
सब दिल-ओ-जान से भुलाने का
मत करो याद उसको इतना भी
ख़तरा रहता है जान जाने का
करना है जो करो वो तुम मन से
बोलना काम है ज़माने का
आए थे प्यार वो बहुत लेकर
मन था उनका भी छोड़ जाने का
सोच मत ये मैं देर से आया
है यही वक़्त मेरे आने का
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