Akhtar Shaikh

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@akhtar-shaikh

Akhtar Shaikh shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Akhtar Shaikh's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
बे-हिसी की धूल में बेहिस अटे रह जाएँगे
लोग अपने अपने फ़िर्क़ों में बटे रह जाएँगे

ढाँप लेगी जब्र की धरती परिंदों के बदन
और बाल-ओ-पर फ़ज़ाओं में कटे रह जाएँगे

लोग उतर आएँगे ग़ुर्बत से महाज़-आराई पर
शहर में हर सम्त ज़ालिम मरहटे रह जाएँगे

जंगलों की सम्त बह जाएगा जिस्मों का हुजूम
शहर की वीरानियों में सर कटे रह जाएँगे

ख़्वाहिशें उड़ जाएँगी ताज़ा हवा के साथ साथ
बिस्तरों पर सिलवटों के जमघटे रह जाएँगे

आँधियाँ मलबा बना के छोड़ जाएँगी उन्हें
हौसले अपने मकानों के डटे रह जाएँगे

गुफ़्तुगू ज़ेहनों में कुछ तहलील सी हो जाएगी
ख़ुद-बख़ुद मफ़्हूम होंटों पर रटे रह जाएँगे

मंज़िलें 'अख़्तर' पलट कर देखती रह जाएँगी
हम तलब की राह में पीछे हटे रह जाएँगे
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Akhtar Shaikh