Yaqoob Usmani

Yaqoob Usmani

@yaqoob-usmani

Yaqoob Usmani shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Yaqoob Usmani's shayari and don't forget to save your favorite ones.

Followers

0

Content

5

Likes

0

Shayari
Audios
  • Ghazal
उमंगों में वही जोश-ए-तमन्ना-ज़ाद बाक़ी है
अभी दिल में ख़ुदा रक्खे किसी की याद बाक़ी है

सर-ए-मंज़िल फ़रेब-ए-रहनुमा का तोड़ मुश्किल था
ग़नीमत है कि शौक़-ए-मरहला-ईजाद बाक़ी है

हँसी आती है तेरे इस ग़ुरूर-ए-दाम-दारी पर
कोई फंदा भी साबित आज ऐ सय्याद बाक़ी है

सहर ने आ के चेहरा वक़्त का धोया तो क्या धोया
फ़ज़ाओं पर ग़ुबार-ए-ख़ातिर-ए-नाशाद बाक़ी है

तबाही घेरने वाली थी आख़िर किन सफ़ीनों को
तह-ए-गिर्दाब शोर-ए-हर-चे बादा-बाद बाक़ी है

अभी से बंध गई हिचकी चमन-अफ़रोज़ कलियों की
अभी तो दास्तान-ए-निगहत-ए-बरबाद बाक़ी है

ज़बान-ए-वक़्त कल से इक नया अफ़्साना छेड़ेगी
बहुत थोड़ी सी 'याक़ूब' आज की रूदाद बाक़ी है
Read Full
Yaqoob Usmani
तज़ाद अच्छा नहीं तर्ज़-ए-बयाँ का हम ज़बानों में
हक़ीक़त को छुपाता जा रहा हूँ दास्तानों में

सभी तो आज बरगश्ता हैं अज़्मत-सोज़ पस्ती से
मचा रक्खी है इक हलचल ज़मीं ने आसमानों में

समझता हूँ मैं बे-मफ़्हूम सी आवाज़ शिकवे को
मुसीबत ख़ुद मदद करती है आ कर इम्तिहानों में

मिरा आईना-ए-एहसास हैराँ हो नहीं सकता
यक़ीं का नूर पैदा कर ही लेता है गुमानों में

बना रखा है बद-तर अज़ क़फ़स ख़ौफ़-ए-असीरी ने
सिवा तिनकों के अब क्या रह गया है आशियानों में

नया इक मा'बद-ए-उम्मीद भी ता'मीर करना है
अनादिल मोतकिफ़ कब तक रहेंगी गुलिस्तानों में

मिरी नैरंगियाँ छाने लगी हैं रंग-ए-महफ़िल पर
बहुत कुछ फ़र्क़ 'याक़ूब' आ चला है दास्तानों में
Read Full
Yaqoob Usmani