December
Christmas Day
2024-12-25
निगाह-ए-गर्म क्रिसमस में भी रही हम पर
हमारे हक़ में दिसम्बर भी माह-ए-जून हुआ
- 12 Sher
- 7 Nazm
2024-12-25
निगाह-ए-गर्म क्रिसमस में भी रही हम पर
हमारे हक़ में दिसम्बर भी माह-ए-जून हुआ
2024-01-01
सफ़र में आख़िरी पत्थर के बाद आएगा
मज़ा तो यार दिसंबर के बाद आएगा
2024-01-26
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
2024-02-07
सुनो कि अब हम गुलाब देंगे गुलाब लेंगे
मोहब्बतों में कोई ख़सारा नहीं चलेगा
2024-02-08
अगर है इश्क़ सच्चा तो निगाहों से बयाँ होगा
ज़बाँ से बोलना भी क्या कोई इज़हार होता है
2024-02-09
वहशत के कारखाने से ताज़ा ग़ज़ल निकाल
ऐ सब्र के दरख़्त मेरा मीठा फल निकाल
2024-02-10
अपने हालात पर मैं हँसती हूँ
कोई तोहफ़ा नहीं मिला मुझ को
2024-02-11
एक वादा कर रहा हूँ आप से
हर किया वादा निभाऊँगा सनम
2024-02-12
आओ गले मिल कर ये देखें
अब हम में कितनी दूरी है
2024-02-13
मिरे होंटों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो
कि इसके बा'द भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है
2024-02-14
मैं क़िस्सा मुख़्तसर कर के, ज़रा नीची नज़र कर के
ये कहता हूँ अभी तुम से, मोहब्बत हो गई तुम से
2024-03-25
हमने अब तक गाल बचा के रक्खे हैं
क्या तुमने भी गुलाल बचा के रक्खे हैं
2024-04-10
वैसे एक शिकवा था तुमसे
अच्छा छोडो ईद मुबारक
2024-04-17
एक सीता की रिफ़ाक़त है तो सब कुछ पास है
ज़िंदगी कहते हैं जिस को राम का बन-बास है
2024-05-12
खिलौनों की तरफ़ बच्चे को माँ जाने नहीं देती
मगर आगे खिलौनों की दुकाँ जाने नहीं देती
2024-05-21
चाय पीते हैं कहीं बैठ के दोनों भाई
जा चुकी है ना तो बस छोड़ चल आ जाने दे
2024-06-16
अपने बच्चों से बहुत डरता हूँ मैं
बिल्कुल अपने बाप के जैसा हूँ मैं
2024-06-16
न वैसा चाँद फिर निकला न वैसी ईद फिर आई
किसी ने जब मेरी ईदी मेरे होटों पे रख दी थी
2024-07-01
आँधियों से लड़ रहे हैं जंग कुछ काग़ज़ के लोग
हम पे लाज़िम है कि इन लोगों को फ़ौलादी कहें
2024-07-28
घर की इस बार मुकम्मल मैं तलाशी लूँगा
ग़म छुपा कर मिरे माँ बाप कहाँ रखते थे
2024-08-04
शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ
कीजे मुझे क़ुबूल मिरी हर कमी के साथ
2024-08-15
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
2024-08-19
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा
2024-08-26
हाल न पूछो मोहन का
सब कुछ राधे राधे है
2024-08-29
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं
2024-09-05
माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत
है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे नेमत
2024-09-07
2024-09-14
बेगानी इस दुनिया का, ताना-बाना सुन
उक्ता के उनसे हिन्दी का इक गाना सुन
2024-10-12
गुज़िश्ता साल शायद ठीक से मारा नहीं था
ये रावण इस बरस फिर सामने तनकर खड़ा है
2024-11-01
आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैं
आज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ
2024-11-03
या रब मिरी दुआओं में इतना असर रहे
फूलों भरा सदा मिरी बहना का घर रहे