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"बात ये है कि आदमी शाइर या तो होता है या नहीं होता" ये शेर इस बात को तो पुख़्ता करता है कि शायर बनना कोई ऐसा काम नहीं है जो किताबी ज्ञान से पढ़ कर किया जाए। मगर शायरी के लिए ये ज़रूरी है कि शायर अरूज़ के नियमों का ध्यान रखते हुए, अपने ख़्यालों पर भी काम करे। कई सुख़नशनास लोग जब अपनी पहली ग़ज़ल लिखते हैं तो
Kaif Uddin Khan
October 30, 2023
December 25, 2023
सफ़र में आख़िरी पत्थर के बाद आएगा
मज़ा तो यार दिसंबर के बाद आएगा