Afzal Ahmad Syed

Afzal Ahmad Syed

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Afzal Ahmad Syed shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Afzal Ahmad Syed's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
बहुत न हौसला-ए-इज़्ज़-ओ-जाह मुझ से हुआ
फ़क़त फ़राज़-ए-नगीन-ओ-निगाह मुझ से हुआ

चराग़-ए-शब ने मुझे अपने ख़्वाब में देखा
सितारा-ए-सहरी ख़ुश-निगाह मुझ से हुआ

गिरफ़्त-ए-कूज़ा से इक ख़ाक मेरी सम्त बढ़ी
सफ़-ए-सराब कोई सद्द-ए-राह मुझ से हुआ

शब-ए-फ़साना-ओ-फर्संग उस से मिल आया
जो मावरा-ए-सफ़ेद-ओ-सियाह मुझ से हुआ

सर-ए-गुरेज़-ओ-गुमाँ उस ने इम्तिहान लिया
जो हम-कनार मिरा कम-निगाह मुझ से हुआ

कमान-ए-ख़ाना-ए-अफ़्लाक के मुक़ाबिल भी
मैं उस से और वो फिर कज-कुलाह मुझ से हुआ

जो सैल-ए-हिजरत-ए-गुल था मिरे क़दम से रुका
कमंद लम्हा-ए-सद-इश्तिबाह मुझ से हुआ

नियाम-ज़द न हुई मुझ से तेग़-ए-हैरानी
शिकस्त-ए-आइना-ए-इंतिबाह मुझ से हुआ
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Afzal Ahmad Syed
कोई न हर्फ़-ए-नवेद-ओ-ख़बर कहा उस ने
वही फ़साना-ए-अशुफ़्ता-तर कहा उस ने

शिराकत-ए-ख़स-ओ-शोला है कारोबार-ए-जुनूँ
ज़ियाँ-कदे में किस अंजाम पर कहा उस ने

उसे भी नाज़-ए-ग़लत-कर्दा-ए-तग़ाफ़ुल था
कि ख़्वाब ओ ख़ेमा-फ़रोशी को घर कहा उस ने

तमाम लोग जिसे आसमान कहते हैं
अगर कहा तो उसे बाल ओ पर कहा उस ने

उसे अजब था ग़ुरूर-ए-शगुफ़्त-ए-रुख़्सारी
बहार-ए-गुल को बहुत बे-हुनर कहा उस ने

ये गुल हैं और ये सितारे हैं और ये मैं हूँ
बस एक दिन मुझे तालीम कर कहा उस ने

मिरी मिसाल थी सफ़्फ़ाकी-ए-तमन्ना में
सुपुर्दगी में मुझे क़त्ल कर कहा उस ने

मैं आफ़्ताब-ए-क़यामत था सो तुलू हुआ
हज़ार मतला-ए-ना-साज़-तर कहा उस ने
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Afzal Ahmad Syed