Ali Muzammil

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@ali-muzammil

Ali Muzammil shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ali Muzammil's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
शहर-ए-दिल कुंज-ए-बयाबान नहीं था पहले
मैं कभी इतना परेशान नहीं था पहले

बाएँ पहलू में जो इक संग पड़ा है साकित
ये धड़कता भी था बे-जान नहीं था पहले

शहरयारों से मरासिम थे बहुत ही गहरे
तीरा-बख़्तों से भी अंजान नहीं था पहले

लफ़्ज़ रूठे हुए रहते थे क़लम से अक्सर
जिन से तज्दीद का इम्कान नहीं था पहले

जब सफ़र काट लिया है तो मिला है सब कुछ
साथ मेरे कोई सामान नहीं था पहले

अब भी बे-नाम बसर होते हैं औक़ात मिरे
दिल में तौक़ीर का अरमान नहीं था पहले

आज चादर के बराबर है मिरे क़द की बिसात
मैं किसी शहर का सुल्तान नहीं था पहले

खाए बैठा है ज़माने से तअ'ल्लुक़ का फ़रेब
तू 'अली' इतना तो नादान नहीं था पहले
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Ali Muzammil