Ali Yasir

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@ali-yasir

Ali Yasir shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ali Yasir's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
अहद-ए-सद-मसलहत-अंदेश निभाना पड़ेगा
मुस्कुराने के लिए ग़म को भुलाना पड़ेगा

जानते हैं कि उजड़ जाएँगे हम अंदर से
मानते हैं कि तुम्हें शहर से जाना पड़ेगा

आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहाराँ पे कोई जश्न तो हो
दोस्तो दिल पे कोई ज़ख़्म खिलाना पड़ेगा

चश्म-ए-बद-दूर यही इक मिरा सरमाया है
तेरी यादों को ज़माने से छुपाना पड़ेगा

तुम्हें जाना है चले जाओ मगर शर्त ये है
कि बिला-नाग़ा तुम्हें ख़्वाब में आना पड़ेगा

ख़ुद को पहचान नहीं पाएँगे चेहरों वाले
उन्हें आईना-ए-औक़ात दिखाना पड़ेगा

नज़र-अंदाज़ भी कर सकते हो इख़्लास मिरा
ये कोई क़र्ज़ नहीं है जो चुकाना पड़ेगा

शाइ'री हो तो नहीं सकती कभी तेरा बदल
क्या करें दिल तो कहीं और लगाना पड़ेगा

थक न जाए वो कहीं हम पे सितम करते हुए
'यासिर' उस का भी हमें हाथ बटाना पड़ेगा
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Ali Yasir
कुछ इस तरह वो दुआ-ओ-सलाम कर के गया
मिरी तरफ़ ही रुख़-ए-इंतिक़ाम कर के गया

जहाँ में आया था इंसाँ मोहब्बतें करने
जो काम करना नहीं था वो काम कर के गया

असीर होते गए बा-दिल-ए-ना-ख़्वास्ता लोग
ग़ुलाम करना था उस ने ग़ुलाम कर के गया

जो दर्द सोए हुए थे वो हो गए बेदार
ये मोजज़ा भी मिरा ख़ुश-ख़िराम कर के गया

है ज़िंदगी भी वही जो हो दूसरों के लिए
वो मोहतरम हुआ जो एहतिराम कर के गया

ये सरज़मीं है जलाल ओ जमाल ओ अज़्मत की
है ख़ुश-नसीब यहाँ जो क़याम कर के गया

है कौन शाइर-ए-ख़ुश-फ़िक्र कौन है फ़नकार
ग़ज़ल बताएगी इस में नाम कर के गया

असर हुआ न हुआ बज़्म पर 'अली-यासिर'
कलाम करना था मैं ने कलाम कर के गया
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