Amaan Abbas

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@amaan-abbas

Amaan Abbas shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Amaan Abbas's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
लफ़्ज़ों कि वसीले से बयाँ होने से पहले
आसान था ये काम गिराँ होने से पहले

तख़्लीक़ ने छीना है मिरा हुस्न भी मुझ से
इक राज़ था मैं मेरे अयाँ होने से पहले

किस तरह की बीनाई थी इन आँखों में जाने
कुछ भी न दिखा जिन को धुआँ होने से पहले

सोचा तो बहुत पर कोई मा'नी नहीं निकले
क्या मेरी नहीं थी मिरी हाँ होने से पहले

ये इश्क़ तो अब आ के मिरी जान हुआ है
नासूर-ए-जिगर था रग-ए-जाँ होने से पहले

हम जैसे नमाज़ी तुम्हें ढूँडे न मिलेंगे
पढ़ते हों नमाज़ें जो अज़ाँ होने से पहले

हैं सारे फ़सादात ज़बानों का नतीजा
ख़ामोश था इंसान ज़बाँ होने से पहले

मैं सोचता रहता हूँ ब-हर-हाल कि क्या था
आँखों में तिरी मेरा जहाँ होने से पहले
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Amaan Abbas
वो जुज़ कहानी का हम तक पहुँच न पाया ही हो
ख़ुदा ने पहले भी आदम से कुछ बनाया ही हो

उतर न पाया हो वो जिस्म-ओ-रूह में इक साथ
तलाश करने वो हालाँकि मुझ को आया ही हो

लिहाज़-ए-जिस्म रखे रूह किस लिए आख़िर
कि जिस्म जिस ने फ़क़त रूह को सताया ही हो

बदल गए हों मफ़ाहीम आँसुओं कि मिरे
किसी से उस ने मिरा तर्जुमा कराया ही हो

पिटारा खोल गुनाहों का अपने देख ज़रा
कि दिल किसी का कभी क्या पता दुखाया ही हो

ये कोई और हो तुझ सा तिरे बदन जैसा
ये तू न हो के तिरा जिस्म-दार साया ही हो

मैं सो रहा हूँ कि अपना कोई सुराग़ मिले
वो ख़्वाब में मुझे शायद जगाने आया ही हो

'अमान' शोर था तुम ने सुना नहीं होगा
जब आ रहे हो किसी ने तुम्हें बुलाया ही हो
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