Anamta Ali

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@anamta-ali

Anamta Ali shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Anamta Ali's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
घर में दराड़ डालते रिश्तों की ख़ैर हो
इस आस्तीं में आ बसे साँपों की ख़ैर हो

वो टूटने लगीं तो सुहूलत मुझे भी है
शब में क़रार बख़्शते तारों की ख़ैर हो

ये लोग हर क़दम पे गिराने लगे मुझे
लेकिन सँभालती तिरी बाँहों की ख़ैर हो

तू जो नहीं तो फूल तो हैं आस-पास भी
इस हब्स में खिले हुए ग़ुंचों की ख़ैर हो

रुक सा गया नदी का बहाव बरस से था
उस में धुले हुए तिरे पैरों की ख़ैर हो

जिस सम्त हूँ रवाँ-दवाँ मंज़िल भी है वहीं
रस्तों में जा-ब-जा पड़े काँटों की ख़ैर हो

मैं क्या कहूँ कि कितने ज़माने गुज़र गए
हिस्से में मेरे आएँ न ख़ुशियों की ख़ैर हो

मौज-ए-फ़ना ने दश्त में ला कर झटक दिया
हैरत से देखती तिरी आँखों की ख़ैर हो

ये इज़्तिराब-ए-इश्क़ से तोहफ़ा मिला मुझे
मुँह को चिड़ा रहे तिरे लफ़्ज़ों की ख़ैर हो

बाग़ों में सैर करते हुए जुगनुओं में तुम
तुम से ज़िया पकड़ते चराग़ों की ख़ैर हो

उन के सबब से ही हुई मैं दर से बे-अमाँ
'अनअम' तुम्हारे हाल पे हँसतों की ख़ैर हो
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Anamta Ali