Anas Nabeel

Anas Nabeel

@anas-nabeel

Anas Nabeel shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Anas Nabeel's shayari and don't forget to save your favorite ones.

Followers

0

Content

4

Likes

0

Shayari
Audios
  • Ghazal
रखता है अपने साथ गुनाहों का बार दिल
उजले से मेरे सीने में है दाग़-दार दिल

तक़्वा से गर भरा हो तो फिर नेकियों की सम्त
इस तरह दौड़ता है कि हो शहसवार दिल

हैं आज सब के सीनों में पत्थर रखे हुए
बरसाए आसमान से पर्वरदिगार दिल

कब तक तू उस की याद को रखेगा ओढ़ कर
फटने लगी है अब तो क़बा ये उतार दिल

कैसी मुनाफ़िक़ाना रविश है कि जिस्म को
देता है पाक ख़ून यही पुर-ग़ुबार दिल

काँटों से ग़म के इस को छुड़ाने के वास्ते
खींचा जो मैं ने और हुआ तार-तार दिल

हर बात पर है मेरा ये दुश्मन बना हुआ
सीने में चुभता रहता है मानिंद-ए-ख़ार दिल

कहता है शेर दाग़ के लहजे में अब 'नबील'
हो न हो उस का भी है बहुत बे-क़रार दिल
Read Full
Anas Nabeel
जीवन के कई राज़ बताता है जज़ीरा
शाइ'र को नई राह सुझाता है जज़ीरा

क्या दौर है ख़ुद मौज लगाती है ये तोहमत
दुनिया में बहुत शोर मचाता है जज़ीरा

अल्लाह की तख़्लीक़ का अंदाज़ तो देखो
वो आब की खेती में उगाता है जज़ीरा

जीवन का सफ़र दुख के समुंदर में है अक्सर
मीलों में कभी ख़ुशियों का आता है जज़ीरा

हो नर्ग़ा-ए-बातिल में खड़ा जैसे मुजाहिद
मौजों में यूँही सर को उठाता है जज़ीरा

हर शब तिरी यादों के समुंदर में उतर कर
इक पारा-ए-दिल ख़ुद को बनाता है जज़ीरा

बैठा है हसीं कोई समुंदर के किनारे
उठ उठ के जिसे देखता जाता है जज़ीरा

महबूब से जब पूछता हूँ इश्क़ का अंजाम
उँगली के इशारे से दिखाता है जज़ीरा

ऐ मेरे 'नबील' आप के जैसा ही सदा से
तन्हाई का ग़म रोज़ उठाता है जज़ीरा
Read Full
Anas Nabeel