Anis Abr

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@anis-abr

Anis Abr shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Anis Abr's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
हर एक पल मुझे दुख दर्द बे-शुमार मिले
ख़ुदा कभी तो मेरे दिल को भी क़रार मिले

ज़माना दुश्मन-ए-जाँ हो गया ये ग़म है मगर
मिरा नसीब कि ख़ंजर ब-दस्त-ए-यार मिले

क्या होगी इस से भी बढ़ कर किसी की महरूमी
जिसे नसीब में ता-मर्ग इंतिज़ार मिले

ऐ आलमीन के राज़िक़ बता कहाँ जाऊँ
मिरे वतन में मुझे जब न रोज़गार मिले

रहे वो ज़िंदा या मर जाए फ़र्क़ क्या है जिसे
घुटन ज़माने में और क़ब्र में फ़िशार मिले

मैं मुस्कुराता मगर दी न अश्क ने मोहलत
ख़ुशी जब एक मिली साथ ग़म हज़ार मिले

जो झूट बोले हुकूमत से दाद ले जाए
जो बोले सच उसे तोहफ़े में औज-ए-दार मिले

फ़लक पे लिक्खूँ तिरा नाम मेरे नाम के साथ
अगर कभी मुझे तारों पर इख़्तियार मिले

मैं जिन से दूर ही रहना पसंद करता था
वो ज़िंदगी की मसाफ़त में बार बार मिले

ख़ुशी से 'अब्र' हर इक रब्त मुंक़ता' कर दो
अगर कही कोई दुनिया में सोगवार मिले
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Anis Abr
मुस्कान लबों पर आँखों में तारों का सजाना मुश्किल है
दिल तोड़ना है आसाँ लेकिन रोते को हँसाना मुश्किल है

है काँच सिफ़त दिल सीने में जब टूटता है फिर जुड़ता नहीं
जिस चीज़ से दिल उठ जाता है फिर उस से लगाना मुश्किल है

ऐ बुलबुल-ए-दिल यूँ ग़म पी कर मत चहक कि अब लब को सी ले
सब साज़ बुरीदा-हाल हुए अब राग पुराना मुश्किल है

ऐ ख़ैर-तलब अफ़राद चलो अपनी जानें क़ुर्बान करें
बे-ख़ून बहाए दुनिया को ग़फ़लत से जगाना मुश्किल है

तुम काग़ज़ी कश्ती में दरिया को पार करो तब समझोगे
अश्कों से लबालब आँखों में क्यूँ ख़्वाब सजाना मुश्किल है

माना कि मुक़द्दर है फ़ुर्क़त लाज़िम है जुदाई भी लेकिन
इन सर्द अँधेरी रातों में दिल को समझाना मुश्किल है
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