B S Jain Jauhar

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B S Jain Jauhar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in B S Jain Jauhar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
कैफ़ियत-ए-दिल-ए-हज़ीं हम से नहीं बयाँ हुई
लफ़्ज़ न साथ दे सके आँसुओं से अयाँ हुई

शोरिश-ए-वारदात-ए-क़ल्ब शेरों में ढाल ढाल कर
लिखते रहे तमाम उम्र ख़त्म न दास्ताँ हुई

अब न वो दिल में धड़कनें अब न वो सोज़-ओ-साज़ है
पूछते हैं वफ़ात-ए-दिल कैसे हुई कहाँ हुई

मेरी ज़रा सी बात पर जाने वो क्यूँ ख़फ़ा हुई
कोई न तल्ख़ गुफ़्तुगू दोनों के दरमियाँ हुई

घर तो हज़ारों बन गए ईंटों को जोड़ जोड़ कर
घर के मकीनों की वफ़ा ज़ीनत-ए-आशियाँ हुई

सूरत थी वो कि बर्क़ सी बदलियों की थी ओट में
पर्दों से झाँक झाँक कर पर्दों में ही निहाँ हुई

एक ही शाख़ पर रहे बाढ़ में साँप और आदमी
कैसी अजीब दोस्ती दोनों के दरमियाँ हुई
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B S Jain Jauhar
इक हूक सी जब दिल में उट्ठी जज़्बात हमारे आ पहुँचे
अल्फ़ाज़ जो ज़ेहन में मौज़ूँ थे होंटों के किनारे आ पहुँचे

हालात ग़म-ए-दिल कह न सके और दर्द-ए-दरूँ भी सह न सके
आँसू जो हिसार-ए-चश्म में थे पलकों के सहारे आ पहुँचे

मझंदार में थे और डर ये था कि डूब ही जाएँगे अब हम
मौजों में जो लहराई कश्ती तिनकों के सहारे आ पहुँचे

हम जोश-ए-जवानी में आ कर इक ला-महदूद सफ़र में थे
मालूम हुआ मंज़िल ये न थी जब घाट किनारे आ पहुँचे

इक उम्र गुज़ारी थी हम ने मज़लूमों की ही हिमायत में
जब गोशा-नशीनी की ठानी फिर ज़ुल्म के मारे आ पहुँचे

बचपन में बहुत दुख होता था मज़लूम की आह-ओ-ज़ारी पर
होते ही जवाँ बहलाने को दुनिया के नज़ारे आ पहुँचे

दुनिया के हवादिस ने इतना पामाल किया हम को 'जौहर'
बचने की कोई उम्मीद न थी क़िस्मत के सितारे आ पहुँचे
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