Badnam Nazar

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@badnam-nazar

Badnam Nazar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Badnam Nazar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
बाग़-ए-दिल में कोई ग़ुंचा न खिला तेरे बा'द
भूल कर आई न इस सम्त सबा तेरे बा'द

तेरी ज़ुल्फ़ों की महक तेरे बदन की ख़ुशबू
ढूँढती फिरती है इक पगली हवा तेरे बा'द

वही मेले वही पनघट वही झूले वही गीत
गाँव में पर कोई तुझ सा न मिला तेरे बा'द

अंधी रातों की स्याही मिरा मक़्दूर हुई
कोई तारा मिरे आँगन न गिरा तेरे बा'द

दे दिया अपने दिल-ओ-जान का इक इक क़तरा
और क्या चाहती है तेरी सदा तेरे बा'द

जिस्म मेरा था मगर रूह का मालिक था और
कैसी अय्यारी का ये राज़ खुला तेरे बा'द

हद-ए-इमकान तलक किरनें वफ़ा की बिखरें
जिस्म मेरा कई ज़ख़्मों से सजा तेरे बा'द

तू ही ग़ालिब नहीं इक जौर-ए-फ़लक का मारा
मेरे घर आया है तूफ़ान-ए-बला तेरे बा'द

किसी ख़ुश-फ़हमी में रहता है तू बदनाम-'नज़र'
कौन रक्खेगा तुझे याद भला तेरे बा'द
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Badnam Nazar
जो झुक के मिलते थे जलसों में मेहरबाँ की तरह
हुए हैं सर पे मुसल्लत वो आसमाँ की तरह

मुझे जो खोलो तो साहिल क़रीब कर दूँगा
समुंदरों में मैं रहता हूँ बादबाँ की तरह

तुम्हारे शहर के जबरी निज़ाम में कुछ लोग
कभी हँसे भी तो आवाज़ थी फ़ुग़ाँ की तरह

है तेज़ धूप सफ़र लम्बा पर तुम्हारी याद
है एक साया मिरे सर पे साएबाँ की तरह

न कोई पत्ता हरा है न कोई फूल खिला
बहार भी मिरे घर आई है ख़िज़ाँ की तरह

न साफ़ ज़ेहन न चेहरे के ख़ाल-ओ-ख़त रौशन
फ़ज़ाओं में है हर इक शय धुआँ धुआँ की तरह

जहाँ भी जाऊँ मैं वो दश्त हो कि दरिया हो
दुआएँ माँ की चलें साथ पासबाँ की तरह

'नज़र' के नाम का इक शख़्स कुछ जुनूनी सा
अकेला दश्त में चलता है कारवाँ की तरह
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