Daood Mohsin

Daood Mohsin

@daood-mohsin

Daood Mohsin shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Daood Mohsin's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
क्या बताते हैं इशारात तुम्हें क्या मा'लूम
कितने मश्कूक हैं हालात तुम्हें क्या मा'लूम

ये उलझते हुए जज़्बात तुम्हें क्या मा'लूम
हैं यही बाइ'स-ए-आफ़ात तुम्हें क्या मा'लूम

एक आँगन को फ़क़त अपने सजाने के लिए
कितनी झीलें हैं मुहिम्मात तुम्हें क्या मा'लूम

राज़ हस्ती का है क्या मक़्सद-ए-हस्ती क्या है
हल तलब हैं ये सवालात तुम्हें क्या मा'लूम

इक खनकती हुई मिट्टी हो जिला बख़्शी है
कितनी प्यारी है ये सौग़ात तुम्हें क्या मा'लूम

दिन गुज़रता है किसी और बहाने से मगर
कैसे कटती है मिरी रात तुम्हें क्या मा'लूम

बेच कर सारा असासा करो शादी 'मोहसिन'
यूँ ही आती नहीं बारात तुम्हें क्या मा'लूम
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Daood Mohsin
देखना हो गर बना कर काँच का घर देखना
कौन बरसाता है किस जानिब से पत्थर देखना

मेरी पलकों पर अटी है गर्द रंज-ओ-कर्ब की
दर्द आँखों में समाया है समुंदर देखना

अपनी ख़ामुशी बनेगी जब फ़साना ऐ नदीम
लोग हाथों में लिए आएँगे पत्थर देखना

मैं ही इक हैराँ नहीं हूँ दम-ब-ख़ुद हैं सब यहाँ
क़ौम को ले जाएँगे किस सम्त रहबर देखना

आप अपने वास्ते रख लें चराग़-ए-आरज़ी
बस मिरा शेवा है ज़ुल्मत में उतर कर देखना

है वफ़ाओं पर भरोसा रंग लाएँगी ज़रूर
जाग उट्ठेगा कभी मेरा मुक़द्दर देखना

ख़त्म ख़ून-ए-दिल हुआ कैसे भरें रंग-ए-वफ़ा
क्या बना पाएँगे हम तस्वीर-ए-दिलबर देखना

ज़ाविए अपनी उड़ानों के बदलने लग गए
कौन दम लेता है 'मोहसिन' अब कहाँ पर देखना
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