Deepak Qamar

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@deepak-qamar

Deepak Qamar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Deepak Qamar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
कितने ख़याल रात की पलकों में आए थे
किरनों ने सब चराग़ सवेरे बुझाए थे

चलना पड़ा हवा को भी दामन सँभाल कर
फूलों के साथ राह में काँटे बिछाए थे

पानी बचा के रख लिया वीरानियों के बीच
किस ने हज़ारों कोस से पंछी बुलाए थे

सरसब्ज़ वो ही पेड़ हुआ मोड़ की तरह
जिस ने हवा में पँख से पत्ते उड़ाए थे

रस्म-ओ-रिवाज की अमर बेलों ने डस लिया
हम ने अज़ल से ख़ुद ही ये बंधन बनाए थे

तारे गए कहाँ ये वहीं के वहीं रहे
दिन से छुपाए जो वही शब ने दिखाए थे

बदले लिबास आदमी हर रुत के रंग में
पत्थर के युग में आज के कपड़े सिलाये थे

बाहर फ़क़ीर ने कहीं डेरा लगा लिया
बाज़ार सारे शहर के हम ने सजाए थे

अल्फ़ाज़ का हुजूम था पहचानते किसे
कितने ही बिन बुलाए किताबों में आए थे
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Deepak Qamar