Ehsanul Haq Mazhar

Ehsanul Haq Mazhar

@ehsanul-haq-mazhar

Ehsanul Haq Mazhar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ehsanul Haq Mazhar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
गर्द पड़ने पे भी सरशार हुआ करता था
एक रस्ते से मुझे प्यार हुआ करता था

उन दिनों वो भी समझता था हक़ीक़त मुझ को
उन दिनों मैं भी अदाकार हुआ करता था

उन दिनों ग़म भी ज़ियादा नहीं होते थे मुझे
मेरा कमरा भी हवा-दार हुआ करता था

मैं कि इज़हार पे शर्मिंदा नहीं था जब तक
अश्क चेहरे पे नुमूदार हुआ करता था

तू मिला है तो खुला मुझ पे अजब राज़ कि तू
बस मुझे हिज्र में दरकार हुआ करता था

रास्ता अब जो मिरे पाँव पड़ा रहता है
ये कभी राह की दीवार हुआ करता था

शहर का शहर ही ज़ालिम का मदद-गार था और
शहर का शहर अज़ादार हुआ करता था

जिस कहानी के तसव्वुर से दहल जाते हैं लोग
उस का मैं मरकज़ी किरदार हुआ करता था
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Ehsanul Haq Mazhar