Faiz rahil Khan

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Faiz rahil Khan shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Faiz rahil Khan's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
ग़मों की भीड़ ने कुचला है मुझ को शादमानी में
लगाना चाहता था तिश्नगी की आग पानी में

हर इक शय उड़ गई मेरी हवाओं की रवानी से
सिमट के रह गई ख़्वाहिश वफ़ाओं की जवानी में

हमेशा चश्म में रहना मुझे अच्छा नहीं लगता
मैं रहना चाहता हूँ ऐ समुंदर तेरे पानी में

तिरी बस्ती के मुजरे से तिरी औक़ात क्या पूछूँ
गधे भी शेर बन जाते अपनी मेज़बानी में

मैं पढ़ कर होश खो बैठा तिरे क़िस्से को ऐ फ़ुर्क़त
मोहब्बत का नशा है इस शब-ए-ग़म की कहानी में

वो पीली ओढ़नी वाली अभी भी दिल में रहती है
ये लड़का खो गया है उस के रंग-ए-ज़ाफ़रानी में

वो जिस दिन 'फ़ैज़' आएगी मेरी चौखट पे मिलने को
उसी दिन मो'जिज़ा होगा मिरी भी ज़िंदगानी में
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Faiz rahil Khan