Ghausiya Khan Sabeen

Ghausiya Khan Sabeen

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Ghausiya Khan Sabeen shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ghausiya Khan Sabeen's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
अभी देखी कहाँ हैं आप ने सब ख़ूबियाँ मेरी
निगाहें ढूँढती हैं आप की बस ख़ामियाँ मेरी

मिरा किरदार दुनियाँ में शहादत से मुनव्वर है
नज़र आएँ फ़लक पर सब को रौशन सुर्ख़ियाँ मेरी

वहाँ बरसों तलक फूलों की खेती होती रहती है
बरस जाती हैं जिन ख़ित्तों पे जा कर बदलियाँ मेरी

मैं हर नेकी को अपने दुश्मनों में बाँट देती हूँ
समर-आवर रहा करती हैं इस से नेकियाँ मेरी

ज़माना चाहे जो समझे अना के साथ ज़िंदा हूँ
तुम्हें भी जीत लेगी एक दिन ये ख़ूबियाँ मेरी

किसी भी मा'रके पर अब तलक हारी नहीं हूँ मैं
मिरा ज़ेवर रहा है दोस्तों ख़ुद्दारियाँ मेरी

जिसे तुम राख समझे हो अभी तक आग है उस में
कुरेदो मत जला देगी तुम्हें चिंगारियाँ मेरी

'सबीन' अक्सर मैं दस्तरख़्वाँ से उठ जाती हूँ बिन खाए
किसी भूके के काम आ जाएँ शायद रोटियाँ मेरी
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