Hamdam Kashmiri

Hamdam Kashmiri

@hamdam-kashmiri

Hamdam Kashmiri shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Hamdam Kashmiri's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
ज़रा सोचो तो मेरे साथ ऐसा क्यूँ हुआ है
बदन टूटा हुआ था पारा पारा क्यूँ हुआ है

ख़ुद अपनी मौज से बेगाना दरिया क्यूँ हुआ है
जो होना ही नहीं था आज ऐसा क्यूँ हुआ है

सुरों पर आसमाँ डूबा हुआ है बादलों में
दुखों की झील का पानी भी गहरा क्यूँ हुआ है

ख़ुदाया आजिज़ी से मैं ने माँगा क्या मिला क्या
असर मेरी दुआओं का ये उल्टा क्यूँ हुआ है

ये कैसी रौशनी है और किन राहों से आई है
यकायक मेरी आँखों में अंधेरा क्यूँ हुआ है

वहाँ की आब-जू में तेल बहता है बराबर
यहाँ वादी में अपनी ख़ुश्क दरिया क्यूँ हुआ है

कहाँ जाएँगे तुझ को छोड़ कर ऐ माँ बता दे
तिरी आग़ोश में दुश्वार जीना क्यूँ हुआ है

ये किस ने कर दिया दो लख़्त मुझ को आज 'हमदम'
कहाँ हूँ मैं मिरा साया अकेला क्यूँ हुआ है
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Hamdam Kashmiri