Ibraheem Hammad

Ibraheem Hammad

@ibraheem-hammad

Ibraheem Hammad shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ibraheem Hammad's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
करूँगा इश्क़ विरासत का कुछ बताऊँगा नईं
मैं इक ग़रीब की बेटी को आज़माऊँगा नईं

उन्हें कहो कि बहुत ढेर शोर-ओ-शर न करें
मैं डर गया तो कई रोज़ मुस्कराउँगा नईं

तसल्ली दूँगा तो मर जाएगी वो लड़की है
मैं जाने दूँगा गले से उसे लगाऊँगा नईं

उसे ख़बर भी नहीं होगी इतना चाहूँगा
उसे पता भी नहीं होगा मैं बताऊँगा नईं

ये रास्ता बड़ी मुश्किल से तय किया मैं ने
ये फ़ासला है दिलों का इसे मिटाऊँगा नईं

तिरा मुतालबा है तेरी याद के आँसू
मैं अब के रोया तो आँखों को भी बचाऊँगा नईं

और अब की सालगिरह पर प्लान क्या है तिरा
और अब की बार तो मैं सामने भी आऊँगा नईं

मैं तुझ से आँख मिला कर ग़ज़ल सुनाऊँगा
मैं ख़ुद को डूबता देखूँगा और बचाऊँगा नईं
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Ibraheem Hammad
ऐसी वुसअ'त कि चमकते हैं सितारे दिल में
उस को रहना ही नहीं आया हमारे दिल में

सब ने आ आ के मिरा ज़ेहनी तवाज़ुन छेड़ा
लोग जो जो भी मोहब्बत से उतारे दिल में

तू ने क्या जुर्म किया होगा जो मैं रहता रहा
इतना अर्सा मिरे चंदा तिरे प्यारे दिल में

तेरा रोना तिरे कुछ काम नहीं आएगा दोस्त
सब्ज़ बत्ती पे नहीं खुलते इशारे दिल में

उस की आँखों से जो देखे थे उन्ही ख़्वाबों ने
आज कल आग लगा रक्खी है सारे दिल में

कोई दो चार नए ज़ख़्म कि रश पड़ जाए
सिर्फ़ इक डर रहा करता है बेचारे दिल में

सच्चे दिल वाली मिरे हुजरे में रहती है हुज़ूर
मीठे पानी का कुआँ है मिरे खारे दिल में

मेरा अल्लाह मिरे साथ है वो जानती है
उस ने डरते हुए चलवाए हैं आरे दिल में
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