Jalal Kakvi

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@jalal-kakvi

Jalal Kakvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Jalal Kakvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
अर्ज़ जो कुछ मेरी ज़बानी है
आप-बीती नहीं कहानी है

जिस ने मुँह मदरसे का देख लिया
ज़िंदगी में वो आँ-जहानी है

राह मकतब की भूलने के लिए
ख़ाक इक इक गली की छानी है

पढ़ने लिखने में जी नहीं लगता
मार खाने की ये निशानी है

ख़ाक पढ़िए जो हो ग़िज़ा ऐसी
भात कंकर है दाल पानी है

जौर-ए-उस्ताद है न महर-ए-पिदर
किस क़यामत की ये गिरानी है

हर जुमा गुड-फ्राइडे है मिरा
रात भी उस की क्या सुहानी है

पार हूँ इम्तिहाँ के दरिया से
नाव काग़ज़ की यूँ चलानी है

फिर भला हम कहाँ कहाँ मस्जिद
ये नमाज़ अपनी इम्तिहानी है

ये ग़ज़ल ख़ूब है 'जलाल' मियाँ
क्या सलासत है क्या रवानी है

लखनवी ये जलाल गरचे नहीं
काकवी ये जलाल-ए-सानी है
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