Jibreel Siddiqi

Jibreel Siddiqi

@jibreel-siddiqi

Jibreel Siddiqi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Jibreel Siddiqi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

Followers

0

Content

1

Likes

0

Shayari
Audios
  • Nazm
एक चूहिया ये बोली बेटे से
तुझ से आँखें मिरी हुईं रौशन
हम यहाँ के पुराने साकिन हैं
कई पुश्तों का गुज़रा है बचपन
वो जो इस घर का है बड़ा दालान
उस में रहते हैं खाने के बर्तन
पास इक टोकरी भी रहती है
उस में हैं आलू गोभी और बैगन
ने'मतें सौ हैं तेरे खाने को
लेकिन ऐ नूर-ए-चश्म-ओ-जान-ए-मन
उसी घर के है एक कोने में
तार की जालियों का एक मस्कन
लोग उसे चूहे-दान कहते हैं
है ये चुहियों की क़ौम का दुश्मन
चाहे उस में हों ने'मतें लाखों
हैं वो सब तेरी मौत के कारन
तेरे जितने बुज़ुर्ग गुज़रे हैं
हज़्म उन्हें कर गया यही दुश्मन
तू अगर उस के पास जा पहुँचा
हो गई तेरी जाँ को उलझन
रहना हर वक़्त चूहे-दाँ से दूर
और फिरना हर एक सम्त मगन
चूहे का बच्चा बाज़ रह न सका
कुछ तो लालच था और कुछ बचपन
रात को उस के पास आ ही गया
एक लुक़्मे की थी जो उस को लगन
सर बढ़ाते ही लग गया खटका
फँस गई चूहे-दान में गर्दन
Read Full
Jibreel Siddiqi
0 Likes