Kaami Shah

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Kaami Shah shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Kaami Shah's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
अगर मैं सच कहूँ तो सब्र ही की आज़माइश है
ये मिट्टी इम्तिहाँ प्यारे ये पानी आज़माइश है

निकल कर ख़ुद से बाहर भागने से ख़ुद में आने तक
फ़रार आख़िर है ये कैसा ये कैसी आज़माइश है

तलाश-ए-ज़ात में हम को किसी बाज़ार-ए-हस्ती में
तिरा मिलना तिरा खोना अलग ही आज़माइश है

नबूद ओ बूद के फैले हुए इस कार-ख़ाने में
उछलती कूदती दुनिया हमारी आज़माइश है

मिरे दिल के दरीचे से उचक कर झाँकती बाहर
गुलाबी एड़ियों वाली अनोखी आज़माइश है

ये तू जो ख़ुद पे नाफ़िज़ हो गया है शाम की सूरत
तो जानी शाम की कब है ये तेरी आज़माइश है

दिए के और हवाओं के मरासिम खुल नहीं पाते
नहीं खुलता कि इन में से ये किस की आज़माइश है
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Kaami Shah