Lateef Nazi

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@lateef-nazi

Lateef Nazi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Lateef Nazi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
ख़बर भी है मोहब्बत के परस्तारों पे क्या गुज़री
कोई है पोछने वाला कि बीमारों पे क्या गुज़री

अयादत से वो जब पलटें तो उन से पूछ ले कोई
वो कह देंगे बख़ूबी दिल के बीमारों पे क्या गुज़री

दिल-ए-यूसुफ़ से क्या पूछे ज़ुलेख़ा से ज़रा कोई
ख़रीदारों पे क्या गुज़री है बाज़ारों पे क्या गुज़री

समझ ही में नहीं आता कि है ये राज़-ए-उल्फ़त क्या
बचे क्यूँकर ख़लीलुल्लाह अँगारों पे क्या गुज़री

न पूछो जल्वा-फ़रमा जब हुए वो नाज़-ओ-शोख़ी से
हुआ क्या हाल दीवानों का हुशयारों पे क्या गुज़री

तुम उठ कर क्या गए महफ़िल से इक महशर हुआ बरपा
तुम्हें मालूम ही क्या है परस्तारों पे क्या गुज़री

हुआ शागिर्द जब मैं हज़रत-ए-'महवी' का ऐ 'नाज़ी'
तुझे कुछ इल्म है सुन कर'' ख़बर यारों पे क्या गुज़री
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Lateef Nazi
असीरों का अजब कुछ हाल ये सय्याद करते हैं
कभी दिल शाद करते हैं कभी नाशाद करते हैं

जिन्हें दिल में बसाया था जिन्हें हम याद करते हैं
हमारे दिल की दुनिया को वही बर्बाद करते हैं

हमारी याद तो दिल से भुला रक्खी थी मुद्दत से
न जाने किस लिए हम को वो फिर से याद करते हैं

सितम भी है करम उन का समझ कर कुछ यही दिल में
जहान-ए-इश्क़ को हम शौक़ से आबाद करते हैं

हमारे क़स्र-ए-दिल को ढा रहे हो कुछ ख़बर भी है
उसे बर्बाद करते हो जिसे आबाद करते हैं

ज़मीन-ओ-आसमाँ रोते हैं लेकिन वो नहीं रोते
तड़प कर शिद्दत-ए-ग़म से जो हम फ़रियाद करते हैं

क़मर बे-नूर होता है सितारे माँद पड़ते हैं
रुख़-ए-रौशन को उस के हम जो 'नाज़ी' याद करते हैं
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