Lateef Saani

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Lateef Saani shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Lateef Saani's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
मैं चुप रहूँ तो भी अंदर पुकारता है कोई
मिरे ग़ुरूर की पगड़ी उतारता है कोई

मैं जब भी माँ के तसव्वुर में डूब जाता हूँ
नज़र के सामने बाँहें पसारता है कोई

मिरे अमल से मुक़द्दर अगर बिगड़ जाए
ख़ुदा के फ़ज़्ल से क़िस्मत सँवारता है कोई

अजीब शख़्स है हर बार जीत जाता है
कि जीत कर भी ज़माने में हारता है कोई

तमाम दिन तो गुज़रता है ग़म की चौखट पर
कि छत से रात में तारे शुमारता है कोई

मिली है ज़िंदगी मिल-जुल के साथ रह लेते
तमाम उम्र क्यों तन्हा गुज़ारता है कोई

लबों पे ज़िक्र-ए-ख़ुदा मैं सजाए रखता हूँ
मैं डूब जाऊँ तो मुझ को उभारता है कोई

हर एक राह मुनव्वर दिखाई दे 'सानी'
तिरे वजूद का सदक़ा उतारता है कोई
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Lateef Saani