M S Mahawar

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@m-s-mahawar

M S Mahawar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in M S Mahawar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
उस दश्त का जो राब्ता है तिश्नगी के साथ
तू ख़ुश रहे दुआ है मगर इक कमी के साथ

तुझ से बिछड़ के हम मरे तो जाँ नहीं मगर
फिर कर लिए ये फ़ासले और ज़िंदगी के साथ

ढूँढ अब शजर पहाड़ परिंदे हवा कहीं
उक्ता गया है आदमी अब आदमी के साथ

वो सिलसिला अजीब था तन्हाई का मिरी
सब के रहे क़रीब मगर दुश्मनी के साथ

रोना न धोना झगड़ा न कोई शिकायतें
वो रिश्ता तोड़ भी गया तो सादगी के साथ

सब सोचते रहे कि मोहब्बत ही छोड़ दी
पकड़ा गया वो कृष्न उसी बाँसुरी के साथ

गुज़रा जो कोई अपने भी घर फिर नहीं गया
है कौन सा ये रिश्ता तिरी उस गली के साथ

एक एक याद तेरी पिघलती है बर्फ़ सी
क्या ही मज़ा शराब का है तीरगी के साथ

उठ कर चला गया वो कहीं और बज़्म से
अच्छा नहीं हुआ ये मिरी शाइ'री के साथ
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M S Mahawar