तेरी सोहबत में आना चाहता हूँ
दिवाना हूँ दिवाना चाहता हूँ
वो जितने हार कर भी लड़ रहे हैं
मैं उनका दिन मनाना चाहता हूँ
मुझे मंज़िल अता कर हसरत-ए-दिल
मैं अपना इक ठिकाना चाहता हूँ
ख़फ़ा हो कर अभी ऐसे न जाओ
रुको मैं कुछ बताना चाहता हूँ
वो ख़्वाहिश रू-ब-रू होगी यक़ीनन
मैं इक दिन ये दिखाना चाहता हूँ
नया है रास्ता पहला क़दम है
ख़ुशी का गीत गाना चाहता हूँ
मेरी महफ़िल से उठ कर चल दिए क्यों
है कुछ बाक़ी सुनाना चाहता हूँ
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