Naeem Saba

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@naeem-saba

Naeem Saba shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Naeem Saba's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
कफ़-ए-ग़ुबार में मल्बूस मेरा पैकर था
ये सानेहा तो अज़ल से मिरा मुक़द्दर था

हर एक सम्त से मुझ पर हुई थी बारिश-ए-संग
ज़हे-नसीब मैं अपने मकाँ के अंदर था

सुकूत-ए-शब में ये आवाज़ मुझ को दी किस ने
वो रास्ते का मुसाफ़िर था या कि रहबर था

उसी का अक्स रहा आइने में जल्वा-फ़गन
वो अपनी ज़ात का शायद ख़ुद आइना-गर था

तिरे जमाल से थी ज़िंदगी में रानाई
मिरे वजूद का तू ही अज़ल से महवर था

अँधेरी रात में साया भी साथ दे न सका
नशेब-ए-राह में ख़ुद ही मैं अपना रहबर था

मिरी नज़र में बरेशम था सिल्क पैराहन
गुहर भी मेरे लिए रास्ते का पत्थर था

मिरे सफ़र की 'सबा' इंतिहा यही तो नहीं
क़दम था रेत पे और सामने समुंदर था
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Naeem Saba
रख़्त-ए-सफ़र का मैं ने इरादा नहीं किया
रौशन चराग़-ए-मंज़िल-ए-जादा नहीं किया

तुझ से बिछड़ के और मिरा दिल उदास हो
मिलने का इस लिए अभी वा'दा नहीं किया

शिद्दत से था मलाल शब-ए-हिज्र का मगर
शाने पे तेरे सर को निहादा नहीं किया

दिल मुतमइन है बाइ'स-ए-तज्दीद-ए-दोस्ती
उस को ख़फ़ा भी हद से ज़ियादा नहीं किया

सब कुछ अता हुआ तिरी रहमत से इस लिए
दस्त-ए-तलब को और कुशादा नहीं किया

शायद कि मेरी रूह को बालीदगी मिले
ख़ुद को रहीन-ए-साग़र-ओ-बादा नहीं किया

शायद मिरी जबीं को मिले इज़्न-ए-बंदगी
दिल के वर्क़ को इस लिए सादा नहीं किया

मुझ को न तमकनत का हो एहसास-ए-बे-ज़ियाँ
क़ामत को अपने और सितारा नहीं किया

अपनी तलाश में हूँ 'सबा' इस लिए अभी
सू-ए-हरम सफ़र का इरादा नहीं किया
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