Nahid Akhtar Balooch

Nahid Akhtar Balooch

@nahid-akhtar-balooch

Nahid Akhtar Balooch shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Nahid Akhtar Balooch's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
नींद ज़रा सी जब भी आने लगती है
याद तुम्हारी शोर मचाने लगती है

साथ मिलाते हैं आवाज़ परिंदे भी
हवा मुझे जब गीत सुनाने लगती है

देख के खिड़की से बारिश को पागल लड़की
आज भी दो कप चाय बनाने लगती है

साँप मुझे अब अक्सर ऊपर खेंचता है
सीढ़ी जब भी मुझे गिराने लगती है

कमरे में ज़ंजीर से जकड़ी तन्हाई
डाइन बन के मुझ को खाने लगती है

पिछले चेहरों को दफ़ना के मिट्टी में
आँख नया इक अक्स उगाने लगती है

कच्चे पक्के आम सहम से जाते हैं
जब भी चिड़िया शाख़ हिलाने लगती है

उस की आँख में आँखें डाल के देखना तुम
दुनिया कैसे आँख चुराने लगती है

हाथ में ले कर सूरज का नारंजी एल्बम
शाम वो फोटो किसे दिखाने लगती है

दरवाज़े पे आन रुके बाराती तब
दुल्हन इक तस्वीर जलाने लगती है

मुझ को पास बिठा के माँ की ख़ामोशी
सारे दिल के राज़ बताने लगती है

मेरे आँचल पे सत-रंगी किरनों से
रौशनी कोई फूल बनाने लगती है
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Nahid Akhtar Balooch