"आशा का दीप"
आशा का दीप जलाना तुम
आशा का दीप जलाना तुम
आंखों में सपने मर जाये
होठों से गाने छिन जाएँ
मंजिल की चाहत में तुमसे
जब ऐसा हो रस्ते छिन जाएँ
ऐसे में बस हाथ जोड़कर
ईश्वर से आस लगाना तुम
आशा का दीप जलाना तुम
जब आँखों में सूनापन हो
खाली-खाली सा मन हो
आँखें आँसू का दरिया ओ
मुश्किल में जब जीवन हो
जब गीत सुनें हम नफ़रत के
तब प्यार के गीत सुनाना तुम
आशा का दीप जलाना तुम
जब ठोकर साथ निभाती हो
मंजिल रस्ता भटकाती हो
जब सूरज की किरणें भी
एक जुगनू से डर जाती हो
जब दुनिया छोड़ के जाती हो
बस मुझे छोड़ मत जाना तुम
आशा का दीप जलाना तुम
जब प्रेम पर लगे पहरे हो
नफ़रत के घाव गहरे हो
सुख की छाया से कोसों दूर
दुःख के बादल घनेरे हो
जब थककर सोऊँ रातों में
मेरे स्वप्न में बस आना तुम
आशा का दीप जलाना तुम
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