Parwana Rudaulvi

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@parwana-rudaulvi

Parwana Rudaulvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Parwana Rudaulvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Nazm
हर सर में इम्तिहान का सौदा है आज-कल
हर दिल में फ़ेल होने का धड़का है आज-कल
पर्चों के आउट होने का चर्चा है आज-कल
कोई नहीं किसी की भी सुनता है आज-कल
मुन्नी की आँख नम है तो मुन्ना के दिल में ग़म
बेचैनियों में कोई किसी से नहीं है कम
दीमक की तरह चाट रहा है कोई किताब
कोई ये सोचता है कि अब आएगा इ'ताब
पढ़ता है रात भर कोई जुग़राफ़िया का बाब
पेंसिल से सोख़्ता पे है लिखता कोई जवाब
हर ज़ी-शुऊर खेल के मैदाँ से दूर है
पढ़ने से कोई और कोई लिखने से चूर है
अंजुम की आँख नम है तो फ़िरदौस हैं उदास
'मोहसिन' ये सोचते हैं कि होंगे ये कैसे पास
अज़रा की ये दुआ है कि आ जाए रटना रास
हर ज़ेहन में है ख़ौफ़ तो हर दिल में है हिरास
कोई नज़र में मौत का नक़्शा लिए हुए
बैठा है कोई हाथ में बस्ता लिए हुए
खाने की फ़िक्र है न है फूटबाल का ख़याल
चेहरे पे हर नफ़स के है तहरीर दिल का हाल
इस बार फ़ेल गर हुए जीना हुआ मुहाल
अब्बू के मार-पीट से उतरेगी मेरी खाल
यारों को किस तरह से मुँह अपना दिखाएँगे
और किस तरह से मंज़िल-ए-उम्मीद पाएँगे
बाक़ी कुछ ऐसे लोग भी हैं इस जहान में
जो फ़र्क़ आने देते नहीं अपनी आन में
सीने फुला फुला के निकलते हैं शान में
जैसे कि कोई ख़तरा न हो इम्तिहान में
ये लोग ज़िंदा-दिल हैं बहादुर हैं शेर हैं
जो फ़ेल हो के होते हैं ख़ुश वो दिलेर हैं
पढ़ने का ग़म है इन को न है इन को फ़िक्र-ए-दोश
हर वक़्त खेलते हैं पढ़ाई का किस को होश
आपस में लड़ भी लेते हैं जब आए इन को जोश
हँसते हैं इम्तिहान के दिन ये कुतुब-फ़रोश
इन के लिए ज़माने में कोई भी ग़म नहीं
चिकने घड़े हैं ये इन्हें कोई अलम नहीं
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