Pranjal Joshi

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@pranjalparwaz

Pranjal Joshi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Pranjal Joshi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
मैं तुझसे मिल रहा हूँ तेरी ही ख़ुशी के लिए
वगरना वक़्त कहाँ है यूँ फ़ुर्सती के लिए

लगा रही है अना मुझ पे क़त्ल का इल्ज़ाम
के क़त्ल उसका किया मैंने दोस्ती के लिए

रख अपने पास मुझे तू कि इक चराग़ हूँ मैं
हिसाब से जला लेना तू रौशनी के लिए

क़रीब मेरे नहीं आती दूसरी ख़ुशी और
ठहरती याँ नहीं पहली भी दूसरी के लिए

ये इश्क़ बोझ नहीं है तो और फिर  क्या है
कहाँ ज़रूरी है ये इश्क़ ज़िंदगी के लिए

अब और कितना मचाएंगी शोर ये सांसे
मैं चीख़ता रहा हूँ इन पे ख़ामुशी के लिए

गुमान था मुझे कर सकता हूँ मैं कुछ भी पर
ख़याल आया बड़ा हूँ मैं ख़ुदकुशी के लिए

मिलें जो ज़ख्म ज़माने से तुझको ऐ प्रांजल
बनेंगे शेर  सभी  ज़ख्म  शायरी  के  लिए
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Pranjal Joshi
जिधर करूँ मैं नज़र है उधर धुआँ जानाँ
तलाश कैसे करूँ फिर तेरा मकाँ जानाँ

है शहर तेरा बयाबां ओ तिश्ना लब हूँ मैं
बता मिलेगा मुझे अब कहाँ कुआँ जानाँ

फ़ज़ूल है ये ग़ज़ल ज़िक्र गर तेरा न हो याँ
हो ज़िक्र गर तो ग़ज़ल होगी जाविदाँ जानाँ

यहाँ फक़त तू ही अंजान है गमो से मेरे
तमाम शहर तो है मेरा राज़-दाँ जानाँ

ये मेरे चार सू तारीक़ि बरपा क्यूँ है जब
मकाँ है नूर गली के ही दरमियाँ जानाँ

उमीद है न शिकायत है तुझ से कोई अब
ख़याल ओ दर्द हुए मेरे रफ्तगाँ जानाँ

चलो चलें कि जहाँ अपने काम का नही ये
ज़बाने इश्क़ यहाँ पे है रायगाँ जानाँ

अभी से तुम न करो बात मौत की "प्रांजल"
सुनानी है अभी तो ख़ूब दास्ताँ जानाँ
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