Qaisar Ziya Qaisar

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@qaisar-ziya-qaisar

Qaisar Ziya Qaisar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Qaisar Ziya Qaisar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Nazm
मैं उस को तकता रहता हूँ
जो फ़र्रुख़-ज़ाद की ग़ज़लों
की सूरत ख़ूबसूरत है
कि जिस के फूल से तन को
किसी रंगीन तितली के
रसीले मो'तबर होंटों
के बोसों की ज़रूरत है
वो इक शहकार है शायद
ख़ुदा-ए-पाक के फ़न का
कि जिस की सादगी में भी
है रक़्साँ हुस्न का जादू
कमर सीना हो गर्दन हो
कि उस के दस्त और बाज़ू
तराशें सब की ऐसी हैं
कि जैसे ला'ल के चाक़ू
जबीं पर माह का जल्वा
और उस पर अब्र के गेसू
सुलगते गोरे गालों पर
शफ़क़ के ग़ाज़े की ख़ुश्बू
गुलाबों से फड़कते लब
और उस पर प्यास बे-क़ाबू
हैं नर्गिस की तरह उस की
चमकती झील सी आँखें
मगर बे-नूर हैं ऐसी
कि जैसे तंग ग़ारों की
सियह पलकों पे ठहरे हों
अँधेरी रात के आँसू
ये मंज़र रूह पर मेरी
पिघलते शीशों की सूरत
मुक़त्तर होता रहता है
कि जिस की सोज़िशों में मैं
तड़पता चीख़ता रहता
हूँ सुब्ह-ओ-शाम हर इक पल
कि मेरी धड़कनों साँसों
को चाहे मुंजमिद कर दो
मगर इस ख़ूब-रू दुनिया
के तारीक आसमानों को
मिरी आँखों के तारों से
जहाँ तक हो सके भर दो
ये सुन कर क़स्र के सारे
दर-ओ-दीवार पर तूफ़ाँ
सा बरपा होने लगता है
कि ऐ नादान शहज़ादे
तू ऐसा कर नहीं सकता
जुनूँ की उजड़ी मांगों में
तू अफ़्शाँ भर नहीं सकता
तिरी धड़कन तिरी साँसें
तिरी ख़्वाबों से पुर आँखें
तिरे अज्दाद के सूरज
की किरनों की अमानत हैं
जो शाही तख़्त पर रौशन
चराग़ों की ज़मानत हैं
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Qaisar Ziya Qaisar
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