Saabir Usmani

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@saabir-usmani

Saabir Usmani shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Saabir Usmani's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
निकल पड़ा है वो सूरज नई तपन ले कर
चला है ले के वो बर्छी कि फिर किरन ले कर

जो मेरे हिस्सा का बादल है क्यों नहीं बरसा
कहाँ मैं जाऊँ भला तन की ये अगन ले कर

हर एक शख़्स गया छोड़ कर मुझे आगे
कहीं मैं मर ही न जाऊँ यही जलन ले कर

फ़क़ीर हम हैं कि झोला उठा के चल देंगे
कहाँ कहाँ लिए फिरते रहेंगे धन ले कर

ज़मीं पे चाँद सितारे उतार लाएँगे
चले हैं दिल में हम अपने यही लगन ले कर

बिरह की मारी मैं बिरहन कहाँ से सुख भोगूँ
चुरा के मेरी ख़ुशी सब गया सजन ले कर

गुलाब होंटों में ज़ुल्फ़ों में यास में उन के
वो घर से निकले हैं ख़ुशबू-भरा बदन ले कर

दयार-ए-यार में हम छोड़ आए दिल 'साबिर'
कि लौट आए हैं अपना निढाल तन ले कर
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Saabir Usmani