Saadullah Shah

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@saadullah-shah

Saadullah Shah shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Saadullah Shah's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
  • Nazm
ये जमाल क्या ये जलाल क्या ये उरूज क्या ये ज़वाल क्या
वो जो पेड़ जड़ से उखड़ गया उसे मौसमों का मलाल क्या

वो जो लम्हा लम्हा बिखर गया वो जो अपनी हद से गुज़र गया
उसे फ़िक्र-ए-शाम-ओ-सहर हो क्या उसे रंजिश-ए-मह-ओ-साल क्या

वो जो बे-नियाज़ सा हो गया वो जो एक राज़ सा हो गया
जिसे कुछ ग़रज़ ही नहीं रही उसे दस्त-ए-हर्फ़-ए-सवाल क्या

हुआ रेज़ा रेज़ा जो दिल तिरा उसे जोड़ जोड़ के मत दिखा
वो जो अपने हुस्न में मस्त है उसे आइने का ख़याल क्या

वही हिज्र रात की बात है वही चाँद-तारों का साथ है
जो फ़िराक़ से हुआ आश्ना उसे आरज़ू-ए-विसाल क्या

किसी और से करें क्यूँ गिला हमें अपने-आप से दुख मिला
वो जो दर्द-ए-दिल से हो आश्ना उसे दुनिया-भर का वबाल क्या

वही गर्द गर्द ग़ुबार है वही चारों ओर फ़िशार है
वो जो ख़ुद को भी नहीं जानता वो हो मेरा वाक़िफ़-ए-हाल क्या

उसे 'साद' कैसा बताएँ हम उसे किस से जा के मिलाएँ हम
वो तो ख़ुद सरापा मिसाल है ये गुलाब क्या ये ग़ज़ाल क्या
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Saadullah Shah
ये रात दिन का बदलना नज़र में रहता है
हमारा ज़ेहन मुसलसल सफ़र में रहता है

नज़र में उस की तो वुसअ'त है आसमानों की
गो देखने को परिंदा शजर में रहता है

हमारा नाम वो ले ले तो लोग चौंक उट्ठें
कि फ़र्द फ़र्द हमारे असर में रहता है

शजर शजर जो समर है तो देख ख़ुद को भी
जहान-ए-नौ का तसव्वुर समर में रहता है

हर एक बात का बिल्कुल यक़ीन आया मगर
हमारा ख़ौफ़ तुम्हारे अगर में रहता है

तुझे गुमाँ है कि मंज़िल पे तो पहुँच भी गया
हर एक शख़्स यहाँ रहगुज़र में रहता है

उसे सुकून है इस से कि हम को चैन नहीं
बस इक जुनून हमारी ख़बर में रहता है

नहीं है कुछ भी वो ऐ 'साद' बस ख़याल सा है
मगर ख़याल का सौदा तो सर में रहता है
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Saadullah Shah