Saba Bilgrami

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Saba Bilgrami shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Saba Bilgrami's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
उस के चर्चे आम बहुत हैं
गुल गुलशन गुलफ़ाम बहुत हैं

वैसे तो आराम बहुत हैं
लेकिन हम को काम बहुत हैं

रंग तबस्सुम ख़ुशबू जल्वे
रुत तेरे इनआ'म बहुत हैं

एक खिलौना चाबी वाला
ले तो लूँ पर दाम बहुत हैं

शायद हो उस पार ख़मोशी
इस जानिब कोहराम बहुत हैं

क़िस्तों में अब मरना कैसा
जीने के पैग़ाम बहुत हैं

आगे पीछे किस के जाएँ
हम जैसे नाकाम बहुत हैं

क़दम क़दम हैं रावन लेकिन
निर्बल के बस राम बहुत हैं

इज़्ज़त शोहरत दुनिया-दारी
मेरे सर इल्ज़ाम बहुत हैं

ख़ालिक़ आक़ा क़ादिर दाता
मालिक तेरे नाम बहुत हैं

खेल तमाशा जादू टोना
बाज़ीगर के काम बहुत हैं

कौन करे अब फ़िक्र किसी की
लोग यहाँ बदनाम बहुत हैं

चलो 'सबा' से मिल कर आएँ
उस के भी आलाम बहुत हैं
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Saba Bilgrami