Sabeen Ali

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Sabeen Ali shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Sabeen Ali's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Nazm
अगर समुंदर मुझे रास्ता देता
तो सफ़र करती उस क़िंदील के साथ
जो शाम का मलगजा फैलते ही
साहिल पर रौशन हो जाती है
उड़ती क़क़नुस के हम-रिकाब
उफ़ुक़ की मसाफ़तों में
तैरती मछलियों के संग
खोजती रेग-ज़ारों में
नीलगूँ पानियों को
सुरमई पहाड़ों में
जादूई सुरंगों को
लेकिन मेरे सिरहाने
आधे पौने ख़्वाब पड़े हैं
और मेरी शेल्फ़ पर धरे हैं
काँच के नाज़ुक बर्तन
सब्ज़ी के छिलके
घर की दीवारों पर
मेरे बेटे की खिंची लकीरों में
अन-सुनी कहानियाँ हैं
जो मुस्कुराती खिलखिलाती हैं
और बातें करती हैं आँखों ही आँखों में
वो कहानियाँ सुनती मैं दफ़अ'तन चौंक जाती हूँ
अधूरे ख़्वाब भी मेरे
कितने शर्मिंदा-ए-ताबीर हुए
मगर फिर भी डरती हूँ
कि मेरी बेटी
आधे ख़्वाब देख कर
उन्हें अधूरा छोड़ न दे
बूँद बूँद दुआ उतरती है
दिल की ज़मीं पे
पहली बारिश की मानिंद
और सीली मिट्टी से शाख़-दर-शाख़
तमन्नाएँ फूट पड़ती हैं
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Sabeen Ali
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जंगों ख़ून-आशामियों की गर्द
चेहरों पर ओढ़े
हैराँ लब बस्ता बच्चो
साहिल पर सीप की मानिंद
औंधे मुँह बिखरे मोती जैसे बच्चो
बे-लिबास सड़कों पर भागते
दहशत-ज़दा सूखे बच्चो
ख़ुदा को इस दुनिया की शिकायत लगाने वाले
रोते बिलकते जाँ से गुज़रते बच्चो
तार-तार पैराहन जिस्म दरीदा रूह राख बदन
अज़ीम इंसानी तहज़ीब के
मलबे तले दबे मज़लूम बच्चो
तय्यारों की घन-गरज सुन कर सहमते
गोला-बारी से पेट भरते बच्चो
कचरे से चुन कर खाते बे-ख़ानुमाँ सय्यारो
पेट का दोज़ख़ भरने को
घास उबालते बच्चो
हम ने तुम्हारे लिए
कितनी ही उदास नज़्में लिखीं
नौहे गाए
मरसिए पढ़े
और तुम फिर भी साकित बैठे हो
दुनिया को शाकी नज़र से तकते हो
बताओ भला
की-बोर्ड एक्टिविस्ट
और क्या कर सकता था
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